केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2017-18 की पहली मौद्रिक समीक्षा नीति पेश करते हुए कहा कि सातवें वेतन आयोग द्वारा प्रस्तावित 8-24 फीसदी हाउस रेंट अलाउंस का असर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (महंगाई) पर पड़ेगा। आरबीआई के मुताबिक यह असर सीधा और तुरंत पड़ेगा और रोजमर्र्रा के चीजों में देखने को मिलेगा।
आरबीआई का आकलन है कि वेतन आयोग द्वारा प्रस्तावित दरों पर भत्ते को चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से मान्य करने के बाद ज्यादातर राज्य भी अपने कर्मचारियों को इसी दर पर भत्ता देना शुरू कर देंगे. इसके चलते वित्त वर्ष के दौरान महंगाई दर उम्मीद से 1 से 1.5 फीसदी अधिक रह सकती है. गौरतलब है की केंद्र सरकार लगभग १ लाख करोड़ रुपये प्रतिवर्ष रिटायर्ड कर्मचारियोंको पेंशन देने में खर्च हो रहा है। जहा एक और महंगाई आसमान छू रही है इसमें आरबीआई के घोषणा के बाद आम आदमी की परेशानी बढ़ने की बात कही जा रही है।
गौरतलब है की नोटबंदी के बाद से लगभग २ करोड़ भारतीय बेरोजगार हो चुके है और ऐसे में सरकार ने केंद्रीय कमर्चारियों पर और अधिक पैसा खर्च कर रही है जिससे महंगाई झेल रहा गरीब आदमी और हलाकान है।
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