एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया ने भारत सरकार को लगाया ४०० करोड़ का चूना


भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया ने मार्च में उचित लाइसेंस शुल्क सरकारी खजाने में जमा नहीं किया जिससे भारत सरकार को 400 करोड़ रुपये का संभावित नुकसान हुआ है, यह आरोप लगाया रिलायंस जियो। कंपनी ने इस संदर्भ में एक शिकायत दूरसंचार विभाग में दर्ज कराई है।  

कंपनी का कहना है की, एयरटेल, वोडाफोन इंडिया तथा आइडिया सेल्यूलर ने लाइसेंस नियमों का उल्लंघन किया और जानबूझकर 2016-17 की अंतिम तिमाही का अग्रिम लाइसेंस शुल्क अनुमानित समायोजित सकल आय के आधार दिया जो तीसरी तिमाही से कम था। 

लाइसेंस समझौते के तहत चौथी तिमाही की राशि तीसरी तिमाही के भुगतान से कम नहीं होनी चाहिए. शिकायतकर्ता के अनुसार एयरटेल ने जनवरी-मार्च 2017 के लिये लाइसेंस शुल्क के रूप में करीब 950 करोड़ रुपये का भुगतान किया. जियो का आरोप है कि यह राशि एयरटेल द्वारा अक्तूबर-दिसंबर, 2017 में दिये गये 1,099.5 करोड़ रुपये के लाइसेंस शुल्क से 150 करोड़ रुपये कम है.

नियमों के तहत दूरसंचार परिचालक को जनवरी-मार्च अवधि के लिये लाइसेंस शुल्क का भुगतान अनुमानित राजस्व के आधार पर करने की जरूरत थी लेकिन यह इसी वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में किये गये भुगतान से कम नहीं होना चाहिए. इसी प्रकार, जियो के अनुसार वोडाफोन ने 550 करोड़ रुपये का भुगतान किया जो तीसरी तिमाही में दिये गये 746.8 करोड़ रुपये के लाइसेंस शुल्क से 200 करोड़ रुपये कम है. आइडिया ने तीसरी तिमाही में दिये गये 609.4 करोड़ के मुकाबले 70 करोड़ रुपये कम शुल्क का भुगतान किया। 

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