मुंबई: पेट्रोल और डीजल पर भारी टैक्स लगाकर सरकार ने बीते पांच सालो में 8 .३५ लाख करोड़ आम आदमी की जेब से टैक्स के रूप में निकाल लिए है। मंगलवार को को पेट्रोल नागपुर में 86 रुपये 67 पैसे लीटर बिका तो कई शहरों में 85 रुपये के आसपास कीमत रही। डीज़ल भी कई शहरों में 72 से 75 रुपये के आसपास बिक रहा है।
कर्नाटक चुनाव के बाद सरकार ने जैसे तेल कंपनियोंको पेट्रोल और डीजल के भाव बढ़ानेकी खुली छूट दी है।
आये दिन तेल कम्पनिया भाव बढ़ाते जा रही है। और सरकार है की तेल कम्पनियोकि वकालत करती नजर आ रही है। कांग्रेस नेता लगातार बढती महंगाई के खिलाफ आंदोलन कर रहे है और पेट्रोलियम पदार्थों को 28% के GST में शामिल किया जाना चाहिए ऐसी मांग कर रहे है।
लेकिन सवाल है कि क्या राज्य सरकारें इसके लिए तैयार होंगी? आख़िर तेल से होने वाली बंपर कमाई कोई छोड़ने को तैयार नहीं है. इस साल 2 फरवरी को वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में तेल उत्पादों से हुई कमाई की जानकारी दी.
कुल 8,35,057 करोड़ रुपये की कमाई 5 साल में सरकार को हुई है। इस कमाई में एक साल यूपीए सरकार का भी है। लेकिन यूपीए के कार्यकाल के आखिरी महीने अप्रैल 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज़ ड्यूटी 9.48 रुपये थी जो 25 मई 2018 को बढ़कर 19.48 पैसे हो गई।
पेट्रोलियम उत्पादों से कमाई
2013-14 में 88,600 करोड़ रुपये
2014-15 में 105,653 करोड़
2015-16 में 185,958 करोड़
2016-17 में 253,254 करोड़
2017-18 (दिसंबर तक) 2 01,592 करोड़.
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